पल भर में टूट जाए वो कसम नही,
दोस्त को भूल जाए वो हम नही,
तुम हमे भूल जाओ इस बात में दम नही,
क्यों की तुम हमे भूल जाओ इतने बुरे हम नही..
*जितने चाहे अच्छे काम कर लो...,*
*लेकिन याद तभी आओगे, जब दोबारा जरूरत होगी...!!*
तू बता और क्या मैं मंगू
मेरे रब से भला
दुआ काबुल होगायी मेरी
दोस्त ,जब से तू मुझे मिला 😊
क्या ना बन पाए ज़िंदगी में ? कोई पूछता है ..तो नज़रें झुका देता हु ....
कही किसी कोने में लिखा शब्द " दोस्त " उसे दिखा देता हु .....
🙏🙏💐💐🙏🙏
*बिना कुंडली मिलाये आजीवन*
*चलने वाला एक अद्भुत...*
*"सम्बन्ध"*
अर्थात्
*"मित्रता"*🙏
।।स्नेह वंदन।।
*आपका दिन शुभ हो*
मित्रता दिवस की अनेकानेक शुभकामनाएँ।
*चॉकलेट से भी मीठा*
*एक रिश्ता है*
*नाम जिसका दोस्ती है*
❤
*डरता हूं कि कहीं "दोस्ती" पर*
*टैक्स न लगा दे सरकार*
*क्योंकि*
*मेरी यह "संपत्ति"*
*मेरी आय से अधिक है*।
सुप्रभात🙏🌹🎍
*जिदंगी का खुबसूरत*
*लम्हा कौन सा होता है??*
*Fantastic Answer :*
*जब आपका परिवार आपको*
*दोस्त समझने लगे*
*और*
*आपका दोस्त आपको*
*"अपना परिवार"*
सुप्रभात
*मित्रों को समर्पित*
कभी आ भी जाना
बस वैसे ही जैसे
परिंदे आते हैं आंगन में
या अचानक आ जाता है
कोई झोंका ठंडी हवा का
जैसे कभी आती है सुगंध
पड़ोसी की रसोई से......
.
.
.
आना जैसे बच्चा आ जाता
है बगीचे में गेंद लेने
या आती है गिलहरी पूरे
हक़ से मुंडेर पर
.
.
.
जब आओ तो दरवाजे
पर घंटी मत बजाना
पुकारना मुझे नाम लेकर
मुझसे समय लेकर भी मत आना
हाँ , अपना समय साथ लाना
फिर दोनों समय को जोड़
बनाएंगे एक झूला
अतीत और भविष्य के बीच
उस झूले पर जब बतियाएंगे
तो शब्द वैसे ही उतरेंगे
जैसे कागज़ पर उतरते हैं
कविता बन
.
.
.
और जब लौटो तो थोड़ा
मुझे ले जाना साथ
थोड़ा खुद को छोड़े जाना
फिर वापस आने के लिए
खुद को एक-दूसरे से पाने
के लिए।
.
.
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------ *गुलज़ार*
*लिखकर लायी थी*
*कोरे कागज*
*पर परेशानियां...।*
*लेकिन......*
*दोस्तों ने उसे*
*पतंग बनाकर*
*उड़ाना सिखा दिया...।।*.